श्रीनगर,28 अगस्त (कड़वा सत्य) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने महज सत्ता हासिल करने के लिए चुनावी गठबंधन किया है।
सुश्री मुफ्ती ने यहां पार्टी मुख्यालय मे संवाददाताओं से बातचीत के दौरान नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के चुनावी गठबंधन की यह कहते हुए आलोचना की कि इनकी साझेदारी केवल ‘सत्ता की लालसा’ से प्रेरित है। उन्होंने जोर दिया कि उनकी पार्टी ने अतीत में कांग्रेस या भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के साथ गठबंधन किया, तो यह जम्मू-कश्मीर के लिए एक स्पष्ट एजेंडे पर आधारित था जबकि नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन केवल सत्ता हासिल करने पर केंद्रित है।
उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन के विवादास्पद इतिहास पर प्रकाश डाला, जिसमें जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट और अफजल गुरु को उनके कार्यकाल के दौरान फांसी दी गयी थी। उन्होंने 1987 में कथित चुनाव धांधली का भी जिक्र किया। उन्होंने पीडीपी के अपने एजेंडे के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा कि पार्टी सीट बंटवारे से अधिक अपने मूल मूल्यों को प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा कि पीडीपी ने हमेशा जम्मू-कश्मीर में जनता के समर्थन पर भरोसा करते हुए स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “जब से हमारी पार्टी बनी है, हम अकेले और लोगों के समर्थन से लड़े हैं। हमने यहां लोगों की पीड़ा को समाप्त करने के लिए लड़ाई लड़ी है। पीडीपी का मूल एजेंडा सम्मान के साथ शांति लाना है।” उन्होंने दोहराया कि वह आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने विधानसभा की कम होती शक्ति का हवाला दिया और इसकी तुलना नगरपालिका से की। उन्होंने सार्वजनिक पद पर बने रहने के उद्देश्य पर भी यह कहते हुए सवाल उठाया कि बुनियादी निर्णयों के लिए भी उपराज्यपाल की मंजूरी की आवश्यकता होती है।
सुश्री मुफ्ती ने एक शक्तिशाली मुख्यमंत्री के रूप में अपनी उन पिछली उपलब्धियों पर जोर दिया, जिनमें 12,000 व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी वापस लेना और युद्ध वि लागू करवाना शामिल है। उन्होंने कहा , “नेशनल कांफ्रेंस उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने स्वयं कहा था कि उन्हें एक चपरासी के तबादले के लिए उपराज्यपाल से मिलना होगा। मैंने अपने कार्यकाल में शक्तिशाली मुख्यमंत्री होने का परिचय देते हुए केंद्र में भाजपा के साथ सरकार चलायी और 12,000 लोगों की प्राथमिकी वापस ली तथा अलगाववादियों को पत्र लिखने के साथ ही युद्ध वि लागू करवाया। क्या आप अब ऐसा कर सकते हैं? मैं एक शक्तिशाली मुख्यमंत्री थी। विधानसभा शक्तिशाली थी जो अब एक नगरपालिका बन गयी है। हम कोई कानून पारित नहीं कर सकते।”
अशोक,
कड़वा सत्य