नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (कड़वा सत्य) श्रीलंका की संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अबेवर्धना के नेतृत्व में श्रीलंकाई संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने आज यहां संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की।
श्री बिरला ने भारत यात्रा पर आए शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि भारत एवं श्रीलंका न केवल पड़ोसी हैं बल्कि इतिहास, संस्कृति और लोकतांत्रिक मूल्यों की साझी विरासत के कारण एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने दोनों देशों में लोकतंत्र के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि लोकतंत्र के साझे मूल्य प्रगति और एकता की दिशा में हमारा मार्गदर्शन करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतांत्रिक सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता के फलस्वरूप हमारे समाज सशक्त हुए हैं, समावेशी शासन को बढ़ावा मिला है और यह सुनिश्चित हुआ है कि हमारे नागरिकों की आवाज़ विधायी सदनों के भीतर उठाई जाए।
श्री बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के लिए श्रीलंका रणनीतिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण पड़ोसी देश है। आर्थिक रूप से और पर्यटन स्थल के रूप में, श्रीलंका भारत के विकास में एक महत्वपूर्ण भागीदार रहा है। अध्यक्ष महोदय ने आशा व्यक्त की कि दोनों देशों के बीच लंबे समय से विकसित हुए संबंध समय के साथ और मजबूत होंगे।
लोकसभा अध्यक्ष ने उन क्षेत्रों का उल्लेख भी किया जिनमें दोनों देश अधिक सहयोग की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बौद्ध धर्म की साझा विरासत होने के कारण दोनों देशों में बौद्ध धर्म से संबंधित महत्वपूर्ण स्थल हैं जिससे दोनों देशों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा । उन्होंने प्रौद्योगिकी, नवाचार के क्षेत्र में भारत की बढ़ती शक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे देश के युवाओं ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने अपने श्रीलंकाई समकक्ष से भी युवाओं में शिक्षा और उद्यमिता की भावना को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
श्री बिरला ने देश के विकास में संसदों की भूमिका के बारे में भी विस्तार से बात की और शिष्टमंडल के सदस्यों से ऐसे कानून लाने का आग्रह किया, जिससे उनके देश में आर्थिक और सामाजिक विकास हो। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत तथा घनिष्ठ होंगे।
श्रीलंकाई संसद के अध्यक्ष श्री अबेवर्धना ने भारत के आर्थिक विकास की सराहना की और श्रीलंका को अनेक क्षेत्रों में भारत द्वारा प्रदान की गई सहायता के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत की सहायता से बुनियादी सुविधाओं की अनेक परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं जिससे श्रीलंका के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने भारत की शिक्षा प्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि श्रीलंका के छात्रों के साथ सहयोग से उन्हें अत्यधिक लाभ होगा।
सचिन