श्रीनगर, 18 अप्रैल (कड़वा सत्य) केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता मियां अल्ताफ ने गुरुवार को अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट के लिए अपने नामांकन पत्र दाखिल किये।
इन दोनों के नामांकन दाखिल करने से नेकां और पीडीपी के बीच सीधा मुकाबला तय हो गया है। ये दोनों पार्टियां हाल तक विपक्षी इंडिया समूह के घटक थे।
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी ने इस निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अभी तक इस सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 19 अप्रैल है।
आज नामांकन पत्र दाखिल करने वाले पहले व्यक्ति प्रभावशाली गुर्जर नेता और नेकां उम्मीदवार मियां अल्ताफ थे। उनके साथ पार्टी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस के महासचिव गुलाम अहमद मीर भी थे।
कांग्रेस नेता मीर ने अनंतनाग में संवाददाताओं से कहा,“मियां अल्ताफ साहब इंडिया समूह के संयुक्त उम्मीदवार हैं और वह सबसे अच्छे उम्मीदवार हैं और हमें उम्मीद है कि वह अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से भारी अंतर से जीतेंगे।” उन्होंने कहा कि पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का चुनाव लड़ना इंडिया समूह के लिए कोई झटका नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि हर पार्टी के समर्थन से इंडिया समूह का उम्मीदवार भारी अंतर से जीतेगा। उन्होंने कहा,“पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला साहब की ओर से, मैं मीर साहब को धन्यवाद देता हूं, जो श्री अल्ताफ साहब के नामांकन दाखिल करने के समय अपने व्यस्त कार्यक्रम छोड़कर दिल्ली से यहां आए।”
सुश्री महबूबा ने अपनी बेटी इल्तिजा और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ रिटर्निंग ऑफिसर को अपना नामांकन पत्र सौंपा। वह अपना नामांकन दाखिल करने से पहले, अनंतनाग के बिजबेहरा में अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद की कब्र पर गईं।
उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया ‘दारा शिकोह’ पर। आज मुझे अपने पिता की सबसे ज्यादा याद आ रही है।”
सुश्री महबूबा ने नामांकन दाखिल करने के बाद लोगों से अपील की कि वे चुनाव का बहिष्कार न करें क्योंकि आम चुनाव बिजली, पानी, सड़क के बारे में नहीं है, यह 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर की गरिमा, पहचान, भूमि और संसाधनों पर शुरू किए गए हमले के खिलाफ खड़ा होना है।
उन्होंने कहा,“यह नेकां और पीडीपी या किसी अन्य पार्टी के बारे में नहीं है। अभी मुद्दा यह है कि जम्मू-कश्मीर को खुली जेल में बदल दिया गया है। आज हमारे सभी संसाधन और जमीन हमसे छीनी जा रही है और प्रयास किया जा रहा है हमें बंधुआ मजदूर बनाओ। हम जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ ऐसा नहीं होने देंगे। यह जमीन और नौकरियां हमारी हैं। हम अपनी पहचान पर हमला नहीं होने देंगे।”
सुश्री महबूबा ने कहा कि इसके लिए मैं जम्मू-कश्मीर के सभी लोगों से अपील करती हूं कि वे चुनाव का बहिष्कार न करें। दक्षिण कश्मीर में बहिष्कार करने वालों की साजिशों का पर्दाफाश होना चाहिए. बाहर आएं और उस उम्मीदवार को वोट दें जो आपको लगता है कि उत्पीड़ित लोगों के लिए आवाज उठाएगा।
अपनी पार्टी के उम्मीदवार जफर मन्हास ने भी अनंतनाग राजौरी संसदीय सीट के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। उन्होंने कहा,“जनता अंततः चुनाव के नतीजे तय करेगी, और कोई बड़ा या छोटा उम्मीदवार नहीं है।”
उन्होंने कहा कि लोग उन लोगों को नहीं भूल सकते जिन्होंने पिछले 70 वर्षों में गलतियां कीं।
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कड़वा सत्य