नयी दिल्ली 31 मई (कड़वा सत्य) केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने भावी पीढ़ियों को तंबाकू मुक्त जीवन जीने के लिए शिक्षित करने और सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता दोहरायी है और इसको लेकर दिशानिर्देश जारी किया है।
मंत्रालय ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर शुक्रवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा,“भावी पीढ़ियों को तंबाकू मुक्त जीवन जीने के लिए शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम सभी हितधारकों और शिक्षकों से आग्रह करते हैं कि वे हमारे छात्रों को तंबाकू की लत और इसके हानिकारक प्रभावों के प्रति संवेदनशील बनाने और उनकी सुरक्षा करने का संकल्प लें।”
उल्लेखनीय है कि हर वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस को एक विशेष विषय के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष तंबाकू निषेध दिवस 2024 का विषय ‘बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना’ है। साल 2023 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम ‘हमें भोजन की जरूरत है, तंबाकू की नहीं’ था।
तंबाकू के हानिकारक प्रभाव केवल धूम्रपान करने वालों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे लोग भी इसके खतरे में हैं, जो धुएं के संपर्क में आते हैं। उन्हें भी हृदय रोग, श्वसन के साथ कुछ खास तरह के कैंसर प्रभावित कर सकते हैं। कुल मिलाकर, तंबाकू का सेवन शारीरिक स्वास्थ्य पर भारी नुकसान पहुंचाता है, जिससे बीमारियों और मौतों में वृद्धि होती है और जीवन की गुणवत्ता कम हो जाती है।
मंत्रालय ने स्कूली छात्रों को तंबाकू के दुष्प्रभाव के प्रति जागरूक करने और इससे उनकी रक्षा करने को लेकर शुक्रवार को दिशानिर्देश जारी किया। मंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देशों में कहा गया है कि शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों, शिक्षकों, श्रमिकों और अन्य कर्मचारियों को स्वास्थ्य पर लंबे समय तक पड़ने वाले दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना, तंबाकू की लत से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है, इसके बारे में जानकारी देना, शिक्षण संस्थान, सार्वजनिक जगहों पर तंबाकू की बिक्री और सेवन को रोकने के लिए बनाए गए कानूनों को बेहतर तरीके से लागू करना और वैधानिक चेतावनी तथा तंबाकू तक नाबालिगों की पहुंच निषेध करना और देश के सभी शिक्षण संस्थानों में स्वस्थ एवं तंबाकू मुक्त वातावरण मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है।
संतोष,
कड़वा सत्य