नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (कड़वा सत्य) कांग्रेस ने सुरक्षा के मुद्दे पर हंगामा करने के कारण संसद के दोनों सदनों से 47 सांसदों को निलंबित कर निरंकुशता और तानाशाही का परिचय दिया है।
कांग्रेस अपने आधिकारिक पेज पर ट्वीट कर कहा कि संसद की सुरक्षा महत्वपूर्ण है और इस बारे में विपक्षी दलों के नेताओं ने जब गृहमंत्री अमित शाह से संसद में बयान देने तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन में आने की मांग की तो सरकार ने मांग पर विचार करने की बजाय यह मांग करने वाले सांसदों को ही निलंबित कर दिया। ऐसा कर निरंकुश मोदी-सरकार ने सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में फेंक दिया।
पार्टी के संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने निलंबन पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि न केवल लोकसभा में बल्कि आज राज्यसभा में भी ‘खून-खराबा’ कर दिया गया। इसके साथ ही 13 दिसंबर की घटना पर गृह मंत्री द्वारा बयान देने की मांग करने और विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति देने की मांग करने पर इंडिया गठबंधन के 45 सांसदों को निलंबित कर दिया। संयोग से, मैं भी अपने 19 साल के संसदीय करियर में पहली बार इस सम्मान सूची में शामिल हो गया हूं।”
उन्होंने कहा,“यह भारत में लोकतंत्र की हत्या है। चौंकाने वाले सुरक्षा उल्लंघन पर गृह मंत्री से बयान की मांग करने के लिए इंडिया गठबंधन के 13 सांसदों को 14 दिसंबर को लोकसभा से निलंबित किया गया आज फिर गठबंधन के 33 और सांसदों, जिनमें कई सदन के नेता शामिल हैं, को वैध मांग करने के लिए लोकसभा से निलंबित कर दिया गया। तानाशाही का दूसरा नाम मोदीशाही है और यह लोकतंत्र की हत्या है।”
अभिनव.संजय