श्रीनगर, 26 मई (कड़वा सत्य) दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में रविवार को सैकड़ों लोगों ने अपनी विकर विलो टोकरियों के साथ सदियों पुरानी स्थानीय परंपरा ‘पंजाथ नाग’ से मछली पकड़ने का त्योहार मनाने लिए अपने काम से एक दिन की छुट्टी ली।
स्थानीय लोगों के अनुसार, वार्षिक पारंपरिक त्योहार केवल झरने में मछली पकड़ने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें जल निकाय को जीवंत और स्वच्छ बनाने के लिए पंजथ नाग की सफाई और गाद निकालना भी शामिल है।
काजीगुंड के स्थानीय लोगों का मानना है कि पंजाथ गांव के 1.5 किलोमीटर के दायरे में लगभग 500 झरने हैं, जहां पारंपरिक रूप से प्रति वर्ष झरनों की सफाई और मछली पकड़ने का यह वार्षिक उत्सव मनाया जाता है।
प्रसिद्ध ‘पंजाथ नाग’ झरना ने ‘पंजाथ मछली महोत्सव’ के कारण विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यानाकर्षित किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने एक ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम में इस झरने पर प्रकाश डाल चुके हैं, जो इस पारंपरिक वार्षिक उत्सव को दुनिया के सामने लाता है।
‘नीलमत पुराण’ और ‘राजतरंगिणी’ में उल्लेखित अपने पौराणिक महत्व के साथ, यह झरना सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है।
काजीगुंड के निवासी उमैसर गुल ने यूनीकड़वा सत्य से कहा कि पंजाथ को पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने से न केवल इसकी विरासत को पहचान मिलेगी, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे हमारे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
उन्होंने कहा कि झरना लगभग दो दर्जन गांवों के लिए एक महत्वपूर्ण जल स्रोत के रूप में कार्य करता है और कार्यात्मक सरकारी ट्राउट-पालन इकाइयों को समर्थन भी प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि लोग आमतौर पर बोनलेस ट्राउट मछली की तलाश करते हैं जिसे वे पकड़ते हैं और परिवारों और दोस्तों के साथ दावत करने के लिए घर ले जाते हैं।
गुल ने कहा कि प्रत्येक मई के तीसरे या चौथे सप्ताह में, ग् ीण एक दिन चुनते हैं जब सेब, बादाम और अखरोट के बाग फूलों से भरे होते हैं। वे 500 मीटर के क्षेत्र में फैले पंजाथ नाग को साफ करते हैं और मछली भी पकड़ते हैं, जो उन्हें अपने पूर्वजों से विरासत में मिली है।
उन्होंने कहा कि लोग इस दिन को चिह्नित करने के लिए कब्रिस्तानों में भी जाते हैं जहां वे अपने दिवंगत परिजनों की कब्रों पर फूल चढ़ाते हैं, एक प्रथा जो दिवंगत आत्मा की शांति के लिए की जाती है।
ग् ीणों की मांग है कि गांव पंजाथ, जो काजीगुंड के मुख्य शहर से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर है, को विकसित किया जाना चाहिए और इसे एक पर्यटन स्थल बनाया जाना चाहिए जो स्थानीय लोगों को आजीविका कमाने और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने में सक्षम बनाएगा।
गुल ने कहा कि “उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर सरकार ने 75 ऑफबीट नए पर्यटन स्थलों की घोषणा की थी और पंजाथ उनमें से एक था लेकिन इन वर्षों में गांव में कोई विकास नहीं हुआ, सिवाय इसके कि एक पार्क को क्रियाशील किया गया है।”
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