मंजरी की विशेष रिपोर्ट
दिल्ली, 5 सितम्बर 2025। शिक्षक समाज में ज्ञान के वास्तविक ध्वजवाहक होते हैं। इसी तथ्य का प्रतिबिंब अगस्त 2025 के अंतिम दिनों में दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (डीपीएसआरयू )द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में देखने को मिला। सम्मेलन का विषय था–“एम.ए.एस.एल.डी. में आणविक और अनुप्रयुक्त शोध में हालिया प्रगति”। इसमें बड़ी संख्या में विद्वानों, शोधकर्ताओं, छात्रों तथा समाज के विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
मुख्य अतिथि डॉ. ए. एस. किरण कुमार, पूर्व अध्यक्ष, इसरो ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। उनके साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर रंजना झा, कुलपति, आईजीडीटीयूडब्ल्यू और डॉ. दीपक टेम्पे, एमेरिटस प्रोफेसर एवं पूर्व कुलपति, आईएलबीएस उपस्थित रहे।
सम्मेलन के विभिन्न सत्र फार्मास्युटिकल शोध के अहम विषयों पर केंद्रित रहे। इनमें शामिल थे –“चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा नवाचार में अनुप्रयुक्त सीमाएँ”। इसमें प्रथम सत्र में थे
प्रो. रवीचंद्रन (कुलपति, डीपीएसआर यूनिवर्सिटी ), डॉ. जितेन्द्र एन. वर्मा (अध्यक्ष, बी ओ जी, डीपीएसआरयू) और प्रो. टी. वेलापंडियन (एम्स, दिल्ली)। दूसरा सत्र रहा –
“एम.ए.एस.एल.डी. में नैदानिक और आणविक प्रगति”। इसमें विशेषज्ञ थे –
डॉ. संगीता चौधरी (सर गंगाराम अस्पताल, दिल्ली), प्रो. दीप्ति पंडिता और डॉ. मुकेश नंदवे (डीपीएसआर यूनिवर्सिटी)। तीसरा सत्र रहा – “ एम ए एस एल डी में जनसंख्या जीनोमिक्स और प्रिसिजन मेडिसिन दृष्टिकोण”। इसमें विशेषज्ञ थे – प्रो. गुरु प्रसाद ऐथल (नॉटिंघम विश्वविद्यालय, यू.के.) और प्रो. के. टी. शेनॉय। चौथा सत्र रहा – “हृदय–मेटाबोलिक सिंड्रोम में फार्माकोलॉजिकल परीक्षण और उपचार रणनीतियाँ”। इसमें विशेषज्ञ थे – प्रो. वंदना रॉय (एम ए एम सी, दिल्ली), प्रो. सुब्रजीत बिस्वास (एमिटी विश्वविद्यालय) और डॉ. सुषमा तालेगांवकर (डीपीएसआर यूनिवर्सिटी)।
पांचवां सत्र रहा – “एम.ए.एस.एल.डी. में आणविक तंत्र और अनुप्रयुक्त प्रगति”। इसमें विशेषज्ञ थे – प्रो. विनोद पॉल (नीति आयोग), प्रो. रवीचंद्रन वी. (डीपीएसआरयू), डॉ. भाबतोष बिस्वास और डॉ. भाबतोष दास (टी एच एस टी आई )। छठा सत्र रहा -“एम.ए.एस.एल.डी. में सूक्ष्मजीव, माइटोकॉन्ड्रियल और प्रतिरक्षा तंत्र”। इसमें विशेषज्ञ रहे – प्रो. रोहिणी मुत्थुस्वामी (जेएनयू ),प्रो. अरुण गुप्ता (सीबीपैक्स) और डॉ. सुभ्रा चक्रवर्ती (जे एन यू )। सातवां सत्र रहा – “ए.आई., कैंसर और एम.ए.एस.एल.डी. चिकित्सा में अनुप्रयुक्त प्रगति”। इसमें विशेषज्ञ थे – प्रो. रवीचंद्रन वी. और डॉ. मुकुल जैन ।
समापन सत्र में शामिल थे – प्रो. रवीचंद्रन वी. (कुलपति, डीपीएसआरयू), हरेंद्र प्रताप सिंह (संयुक्त निदेशक, एम एस एम ई मंत्रालय, भारत सरकार) और डॉ. गौतम भट्टाचार्य (सीईओ, लाइफ साइंसेज सेक्टर स्किल डेवलपमेंट काउंसिल)।
सम्मेलन ने सफलतापूर्वक एक वैश्विक मंच प्रदान किया, जिसका उद्देश्य सहयोग, नवाचार और ज्ञान का आदान-प्रदान कर एम ए एस एल डी और उससे जुड़ी बीमारियों में उपचारात्मक परिणामों को बेहतर बनाना रहा।
यह सम्मेलन दिल्लीवासियों के लिए शिक्षक दिवस का एक पूर्व-उपहार सिद्ध हुआ।