पटना, 5 सितंबर। सूबे में महिलाओं को उद्यमी के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने इसका शुभारम्भ किया है। कैबिनेट से इसकी मंजूरी मिलने के बाद अब 7 सितम्बर को मुख्यमंत्री इससे संबंधित दस्तावेज (निर्देशिका) जारी करेंगे। इसके साथ ही इस योजना से लाभ लेने की शुरुआत हो जाएगी।
इस योजना के क्रियान्वयन का नोडल ग्रामीण विकास विभाग को बनाया गया है। इससे संबंधित जानकारी देते हुए विभागीय मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि यह न सिर्फ महिलाओं के लिए, बल्कि पूरे बिहार की अर्थव्यवस्था और समाज के लिए एक नए युग की शुरुआत है। इस योजना का उद्देश्य स्पष्ट है, राज्य के प्रत्येक परिवार की एक महिला को अपनी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान करना। जब परिवार की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, तभी पूरे समाज की प्रगति होगी।
इस योजना को सराहते हुए मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में 10 हजार रुपया की टीटी पहली किस्त में इसी माह (सितम्बर) में 1 1 परिवार के एक महिला को उनके खाते में भेजी जायेगी। यही नहीं रोजगार शुरू करने के बाद 2 लाख रुपये और मिलेगा । आज यह कहना गर्व की बात है कि बिहार महिला सशक्तिकरण का उदाहरण पूरे देश में प्रस्तुत कर रहा है।
यह योजना सिर्फ आर्थिक सहयोग का माध्यम नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धड़कन बनेगी। महिलाओं द्वारा शुरू किए गए रोजगार से न केवल उनके परिवारों का जीवन स्तर सुधरेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर नए अवसर पैदा होंगे। इससे पलायन रुकेगा, गाँवों में ही रोजगार और आय के साधन बढ़ेंगे, और बिहार आत्मनिर्भर बनने की ओर और मजबूती से आगे बढ़ेगा।
कार्यक्रम के अंतर्गत 7 सितम्बर 2025 को ग्राम संगठन स्तर पर आवेदन प्राप्त करने की प्रक्रिया की शुरुआत होगी। नगर निकाय क्षेत्रों के लिए वेब पोर्टल भी लॉन्च किया जाएगा ताकि शहरी क्षेत्र की महिलाएँ भी आसानी से आवेदन कर सकें।
श्री श्रवण कुमार ने यह भी कहा है कि ग्रामीण विकास विभाग ने स्वयं सहायता समूहों के गठन के माध्यम से महिलाओं को संगठित कर “जीविका” का मॉडल विकसित किया। वर्ष 2006 में शुरू हुई इस यात्रा में आज लगभग 11 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह गठित हो चुके हैं, जिनसे 1 करोड़ 40 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं। अब शहरी क्षेत्रों में भी जीविका का विस्तार हो चुका है और वहाँ हजार से अधिक समूहों में 3 लाख 80 हजार महिलाएँ कार्यरत हैं। इन समूहों की महिलाएँ न केवल स्वरोजगार के लिए आगे आ रही हैं बल्कि बैंकिंग सेवाओं से जुड़कर उद्यमिता की नई मिसाल पेश कर रही हैं। आज जीविका से जुड़कर लगभग 38 लाख महिलाएं लखपति बनी हैं I
हाल में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत 60 हजार गांवों में 1 करोड़ 55 लाख से अधिक महिलाओं ने भाग लिया। इसमें महिलाओं ने सरकार की योजनाओं पर संतोष व्यक्त किया और अपनी अपेक्षाएँ साझा कीं। विशेष रूप से महिलाओं ने रोजगार के अधिक अवसर और ऋण की ब्याज दर में कमी की बात कही। सरकार ने इस सुझाव को गंभीरता से लेते हुए ब्याज दर में कमी की घोषणा पहले ही कर दी थी। अब महिलाओं को और अधिक सहयोग देने के उद्देश्य से “मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना” की शुरुआत की गई है।
ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना से लाखों महिलाओं को प्रत्यक्ष लाभ होगा। इस योजना के तहत मिलने वाली राशि केवल रोजगार के लिए उपयोग की जाएगी ताकि परिवार की आमदनी बढ़े और जीवन स्तर में सुधार हो। इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य से पलायन की समस्या भी कम होगी।
आगे श्री श्रवण कुमार ने यह भी कहा है कि बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री जी ने हमेशा महिलाओं की भागीदारी को विकास का केंद्र माना है। आज जो सपना हम सब देख रहे हैं— सशक्त महिला, समृद्ध बिहार —यह उसी सोच का परिणाम है। इस योजना से लाखों बहनों की आर्थिक स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त होगा और बिहार एक नए आत्मनिर्भर युग में प्रवेश करेगा।