Ethiopia Volcanic Eruption: इथियोपिया के हेली गुब्बी ज्वालामुखी में लगभग 10हजार साल बाद विस्फोट हुआ है, जिसकी राख और सल्फर डाइऑक्साइड से भरा बादल अब भारत की ओर बढ़ रहा है। यह घटना 23नवंबर को हुई और इसका असर अब उत्तर-पश्चिम भारत में महसूस किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, ज्वालामुखी के फटने के बाद उठा राख का विशाल गुबार सोमवार रात करीब 11बजे दिल्ली पहुंच गया। ज्वालामुखी की राख ऊपरी वायुमंडल में तेज गति से फैल रही है, जिससे हवाई यात्रा पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। भारतीय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयरलाइंस को सतर्क रहने की सलाह दी है, जबकि कई उड़ानें पहले ही रद्द या डायवर्ट की जा चुकी हैं।
12 हजार साल बाद फटा ज्वालामुखी
बता दें, हेली गुब्बी ज्वालामुखी इथियोपिया के उत्तरी भाग में स्थित है, जो इरिट्रिया की सीमा के पास है। ज्वोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, यह ज्वालामुखी लगभग 12,000 सालों से निष्क्रिय था। लेकिन बीते दिन 23नवंबर को हुए विस्फोट से बड़ी मात्रा में राख और गैसें निकलीं, जो हवा की धाराओं के साथ पूर्व की ओर बह रही हैं। राख का बादल ऊंचाई पर 100-120किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा है, जो इसे मध्य पूर्व से होते हुए भारत तक पहुंचा रहा है। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह राख बादल भारत में पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर और जैसलमेर के ऊपर से आया. फिर धीरे-धीरे दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के बड़े हिस्सों में फैल गया।
दिल्ली से जयपुर-जैसलमेर तक प्रभाव
राख का बादल उत्तर भारत में पहुंचने से आकाश में अंधेरा छा सकता है और न्यूनतम तापमान में थोड़ी वृद्धि हो सकती है। दिल्ली-NCR में पहले से ही प्रदूषण का स्तर ऊंचा है, और इस राख से स्थिति और बिगड़ सकती है। जयपुर, जैसलमेर और अन्य राजस्थानी इलाकों में भी दृश्यता कम होने की आशंका है। मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि राख से वायु गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है, हालांकि स्वास्थ्य पर सीधा खतरा कम है क्योंकि राख ऊपरी वायुमंडल में है। महाराष्ट्र और मध्य भारत के कुछ हिस्सों तक भी इसका असर पहुंच सकता है।
उड़ानों पर प्रभाव और DGCA का अलर्ट
हेली गुब्बी ज्वालामुखी फटने से सबसे ज्यादा हवाई यात्रा प्रभावित हुई है। DGCA ने एयरलाइंस को ऑपरेशनल मैनुअल की समीक्षा करने, रूट बदलने और प्रभावित क्षेत्रों से बचने की सलाह दी है। इंडिगो, अकासा एयर और केएलएम जैसी कंपनियों ने कई उड़ानें रद्द कर दी हैं, खासकर मध्य पूर्व से जुड़ी रूट्स पर। तो वहीं, दिल्ली, जयपुर और अन्य एयरपोर्ट्स पर उड़ानें डायवर्ट की जा रही हैं। क्योंकि राख इंजनों में जमा होकर विमानों को नुकसान पहुंचा सकती है, इसलिए सतर्कता बरती जा रही है। ऐसे में यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी उड़ानों की स्थिति जांचें और वैकल्पिक व्यवस्था करें।







