Bengaluru RCB Victory Death: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की पहली IPL जीत का जश्न बेंगलुरु में भीषण भगदड़ में तब्दील हो गया, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हो गए। मामला तूल पकड़ते ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस कमिश्नर समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया।
भगदड़ की घटना और प्रशासनिक लापरवाही
यह हादसा 4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुआ, जब हजारों लोग RCB के खिलाड़ियों की झलक पाने के लिए जमा हुए थे।
हादसे के बाद कर्नाटक हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया।
कोर्ट में सरकार ने स्वीकार किया कि 2.5 लाख से ज्यादा लोग वहां मौजूद थे, जबकि स्टेडियम की क्षमता महज 34,600 सीटें है।
किन अधिकारियों पर गिरी गाज?
मुख्यमंत्री ने जिन अधिकारियों को निलंबित किया, उनमें शामिल हैं:
- बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर
- कब्बन पार्क थाना प्रभारी
- संबंधित एसीपी और डीसीपी
चिन्नास्वामी स्टेडियम प्रभारी अधिकारी
साथ ही घटना की सीआईडी जांच के साथ-साथ हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश माइकल कुन्हा की अगुवाई में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित किया गया है, जिसे 30 दिन में रिपोर्ट देनी है।
RCB और इवेंट कंपनी पर एफआईआर
RCB, इवेंट मैनेजमेंट कंपनी DNA और KSCA (क्रिकेट संघ) पर आपराधिक लापरवाही का केस दर्ज किया गया है।
पहले पुलिस ने UDR (अप्राकृतिक मौत) का मामला दर्ज किया था, लेकिन जनदबाव और हाई कोर्ट के निर्देश के बाद अब FIR दर्ज कर ली गई है।
RCB ने किया मुआवजे का ऐलान
- 11 मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये की सहायता
- RCB Cares नाम से राहत पहल शुरू
- घायल प्रशंसकों के इलाज और पुनर्वास में मदद
कोर्ट के तीखे सवाल
कर्नाटक हाई कोर्ट की बेंच ने सरकार से यह सवाल किए:
- खिलाड़ियों को सम्मानित करने का निर्णय किसने लिया?
- वे खिलाड़ी जो देश के लिए नहीं खेलते, उन्हें क्यों सम्मानित किया गया?
- इतनी भीड़ के बावजूद सिर्फ तीन गेट ही क्यों खोले गए?
भीड़ प्रबंधन की SOP क्यों नहीं थी?
सरकार ने माना कि उनके पास भीड़ नियंत्रित करने की कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं थी।अगली सुनवाई 10 जून को
कोर्ट ने सरकार को 10 जून तक विस्तृत रिपोर्ट देने का आदेश दिया है और अगली सुनवाई उसी दिन तय की है।