नई दिल्ली। ” वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है, वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है ” —भागलपुर से जुड़े सदाबहार गायक किशोर कुमार का ‘ खामोशी ‘ के लिए गाया यह गाना 23 मार्च, 2025 को दिल्ली में उस समय साकार होता दिखा जब भागलपुर के तीन प्रमुख महाविद्यालय टी. एन. बी. कॉलेज, सुंदरवती महिला कॉलेज और मारवाड़ी कॉलेज के 1960 के दशक से लेकर सन् 2010 के दशक के पूर्व छात्रों का वार्षिक मिलन भागलपुर की सोंधी माटी की खुशबू की अविस्मरणीय यादों से सराबोर हो उठा !
आकाशवाणी भागलपुर के पिछली सदी के अस्सी के दशक के दो कैजुअल उद्घोषक हरिनाथ मिश्र और हरेन्द्र प्रताप 36 वर्षों के बाद गले मिल रहे थे ! सन् 1985 में अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष के अवसर पर भागलपुर विश्वविद्यालय की ओर से भागलपुर से त्रिभुवन विश्वविद्यालय, काठमांडू तथा लखनऊ होते हुए दिल्ली तक साइकिल से यात्रा करने वाली ऐतिहासिक टीम के दो सदस्य मनोज लाल और हरेन्द्र प्रताप लगभग दो दशकों के बाद दिल्ली में फिर से मिल रहे थे ! ‘ गांधी ‘ जी कहां चूकने वाले थे, वे साक्षात फिर से प्रकट हो उठे ! जी हां, सबसे वरिष्ठ पूर्व छात्र कैसर एन.के.जानी ने अपने अभिनय से महात्मा गांधी को फिर से स्नेह मिलन समारोह में जीवंत कर दिया !
वरिष्ठ नौकरशाह, प्रोफेसर, डॉक्टर, एडवोकेट, पत्रकार, उद्यमी तथा अन्य प्रोफेशनल ने बड़ी संख्या में बड़े उत्साह से देर शाम तक चले कार्यक्रम में भाग लिया। दिल्ली कुमार पाण्डेय, विनय कुमार सिंह, उमेश शर्मा, प्रेम नारायण, आमोद कुमार, अरबिंद कुमार पाण्डेय, संजय कुमार मिश्रा, देवेन्द्र कुमार सिंह, जितेन्द्र कुमार सिंह और दिनेश कुमार ने वरिष्ठ अधिकारी सुजीत कुमार मिश्रा के महत्वपूर्ण सहयोग से इस पूरे मिलन समारोह की महीनों से भूमिका तैयार कर मार्च के महीने में इसे सारगर्भित बना दिया। डॉक्टर पंकज कुमार झा ने गायक मुकेश के गाने को गाकर और अरविंद पाण्डेय ने बांसुरी की मधुर तान से पुरानी रसभरी स्मृतियों को तरोताजा कर दिया। एस एम कॉलेज और मारवाड़ी कॉलेज के पूर्व छात्र भी उत्साहित दिखे जिनमें नीलम पाण्डेय, नीरज कुमार सिंह समेत अनेक पूर्व विद्यार्थी शामिल थे।
इस स्नेह मिलन समारोह के 2025 चैप्टर का सबसे महत्वपूर्ण पहलू रहा कि इसमें सिर्फ आपस में स्नेह फिर से प्रस्फुटित नहीं हुआ बल्कि पूरे बिहार और विशेष रूप से पूरे भागलपुर के लिए स्नेह महसूस किया गया।
वरिष्ठ पत्रकार धनंजय कुमार से लेकर नागेश्वर तक ने भागलपुर और बिहार के विकास में पूर्व छात्रों के संभावित योगदान पर प्रकाश डाला।
इसी क्रम में टी. एन. बी. कॉलेज समेत विभिन्न शिक्षण संस्थानों के भवनों की जर्जर स्थिति तथा शिक्षा की गुणवत्ता में लगातार गिरावट पर चिंता जताई गई।
स्नेहिल माहौल के बीच तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जवाहर लाल और भागलपुर की मेयर के वर्तमान योगदान की सराहना की गई तथा बिहार में शिक्षा एवं रोजगार के विकास में पूर्व छात्रों की ओर से सरकार तथा संस्थाओं को हर प्रकार की सहायता देने का आश्वासन दिया गया।