मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है जिसमें से एक है बिहार राज्य फसल सहायता योजना। इस योजना के तहत राज्य सरकार फसलों के खराब या नुकसान होने पर किसानों को आर्थिक मुआवजा देती है। प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों को कई बार नुकसान उठाना पड़ता है। उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है जिसके कारण वे सही से खेती नहीं कर पाते हैं। इनसब समस्यों का समाधान करने के उद्देश्य से ही वर्ष राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में बिहार राज्य फसल सहायता योजना की शुरुआत की।
बिहार राज्य फसल सहायता योजना का उद्देश्य फसलों को बाढ़, सूखा एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की स्थिति में किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि वे भविष्य में खेती करने के लिए प्रोत्साहित हो सकें। इसके साथ ही किसानों को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के उद्देश्य को लेकर राज्य सरकार ने इस योजना को शुरू किया है। खास बात यह है कि बिहार राज्य फसल सहायता योजना में अब अन्य फसलों के साथ–साथ सब्जी की फसल को भी शामिल किया गया है। अब बिहार के किसानों को सब्जी की फसलों में हानि होने पर आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। 25 जुलाई, 2023 को मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि अब राज्य सरकार फसल सहायता योजना में सब्जियों की फसलों के लिए भी किसानों को आर्थिक सहायता देगी। अब राज्य के किसानों को सब्जी के प्रतिकूल मौसम में उत्पादन में हानि होने पर उन्हें आर्थिक सहायता दी जाएगी।
बिहार में खेती करनेवाले किसानों की फसल को प्राकृतिक आपदाएं जैसे की बाढ़, सूखा पड़ना आदि से बचाने के लिए यह योजना आरंभ की गई। इस योजना के अंतर्गत यदि किसानों की खेती को किसी प्राकृतिक आपदा के कारण कोई नुकसान पहुंचता है तो उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। बिहार राज्य फसल सहायता योजना के अंतर्गत किसानों की फसल अगर 20% तक बर्बाद हुई है तो ऐसे में उन्हें 7,500 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा मिलता है। वहीं यदि फसल का नुकसान 20% से अधिक होता है तो प्रति हेक्टेयर 10,000 रुपये मुआवजा दिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत दी जानेवाली धनराशि सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में पहुंचाई जाती है। वर्ष 2022 में, राज्य सरकार ने इस योजना के तहत 226 करोड़ रुपये का फसल बीमा क्लेम किसानों को दिया है। बिहार फसल बीमा के अंतर्गत किसान रबी और खरीफ की फसलों का बीमा करा सकते हैं।
बिहार राज्य फसल सहायता योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए किसानों का बैंक अकाउंट होना अनिवार्य है तथा बैंक अकाउंट आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए।
राज्य फसल सहायता योजना के तहत रैयत एवं गैर रैयत किसान आवेदन कर सकते हैं। किसान को बिहार का स्थायी निवासी होने के साथ उसके पास भूमि का भू–स्वामित्व प्रमाण पत्र होना चाहिए। इसके अलावा गैर रैयत किसानों के पास वार्ड सदस्य की तरफ से हस्ताक्षरित स्वघोषणा पत्र होना चाहिए। वहीं अगर दस्तावेजों की बात करें तो किसान के पास आधार कार्ड, खेत का डॉक्यूमेंट्स, बैंक डिटेल, फसल नुकसान का स्वघोषणा पत्र होना जरुरी है। राज्य सरकार द्वारा किसानों की फसलों को मौसम, बाढ़ से होनेवाले नुकसान की भरपाई के लिए सहायता राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है। इसलिए आवदेक का बैंक अकाउंट होना चाहिए तथा बैंक अकाउंट आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए।
बिहार राज्य फसल सहायता योजना का लाभ किसानों को त्वरित एवं पारदर्शी तरीके से मिल रहा है। यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदा के दौरान कृषि कार्य करने के लिए बहुत बड़ा संबल प्रदान कर रहा है।