Border Security: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 पर्यटकों की जान गई, ने भारत की सीमा सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। भारत की विशाल और प्राकृतिक चुनौतियों से भरी सीमाओं की मानवीय निगरानी बेहद जटिल है। ऐसे में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन और अंतरिक्ष विभाग के सचिव वी. नारायणन ने 23 अप्रैल 2025 को चेन्नई में एक कार्यक्रम में सीमा सुरक्षा को मजबूत करने का एक महत्वाकांक्षी प्लान साझा किया। उन्होंने बताया कि 2025 से 2028 तक 100-150 नए उपग्रह लॉन्च किए जाएंगे, जो भारत की जमीनी और 7500 किमी लंबी तटीय सीमाओं की 24×7 निगरानी करेंगे। यह कदम सैनिकों के बोझ को कम करने और सुरक्षा को तकनीकी रूप से मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
ISRO का 3 साल का प्लान: 100-150 उपग्रहों से सीमा सुरक्षा
पहलगाम हमले के बाद सीमा सुरक्षा पर सवाल का जवाब देते हुए नारायणन ने कहा, “भारत के पास वर्तमान में 55 कार्यरत उपग्रह हैं, जो सीमा और तटीय निगरानी के लिए अपर्याप्त हैं। भारत की 7500 किमी लंबी तटीय सीमा और विशाल जमीनी सीमाओं की 24 घंटे निगरानी के लिए हमें और उपग्रह चाहिए।” उन्होंने जोर देकर कहा कि अगले तीन सालों में 100-150 नए उपग्रह जोड़े जाएंगे, जो निम्नलिखित तकनीकों से लैस होंगे:
- ऑप्टिकल और थर्मल इमेजिंग: उच्च-रिजॉल्यूशन तस्वीरें और रात में निगरानी।
- सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR): बादल और खराब मौसम में भी निगरानी।
- AI-आधारित विश्लेषण: वास्तविक समय में संदिग्ध गतिविधियों की पहचान।
नारायणन ने बताया कि इन उपग्रहों से न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों बल्कि पूरे देश की निगरानी में सहूलियत होगी। इससे सैनिकों का काम आसान होगा और आतंकी गतिविधियों पर पहले से कार्रवाई संभव हो सकेगी।
प्रधानमंत्री मोदी की अंतरिक्ष सुधारों की भूमिका
नारायणन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरिक्ष क्षेत्र सुधारों को इस प्लान का आधार बताया। उन्होंने कहा, “PM मोदी के सुधारों ने निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा दिया है। ISRO निजी कंपनियों को उपग्रह और रॉकेट निर्माण में मार्गदर्शन देगा।” इन सुधारों के तहत:
निजी कंपनियों की भागीदारी: स्टार्टअप्स और निजी फर्म जैसे Skyroot Aerospace और AgniKul Cosmos उपग्रह निर्माण में योगदान देंगे।
- लागत में कमी: निजी भागीदारी से उपग्रह निर्माण और लॉन्च की लागत कम होगी।
- तकनीकी नवाचार: AI और मशीन लर्निंग आधारित उपग्रहों का विकास।
नारायणन ने कहा, “हम निजी खिलाड़ियों के साथ मिलकर इस लक्ष्य को हासिल करेंगे। तीन साल में 100-150 उपग्रह जोड़कर हम देश की निगरानी को पूरी तरह कवर करेंगे।”
पहलगाम हमले ने क्यों उठाए सवाल?
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक मारे गए। जांच में लश्कर-ए-तैयबा और द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) से जुड़े 7 आतंकियों, जिनमें 4-5 पाकिस्तानी मूल के थे, की संलिप्तता सामने आई। आतंकियों ने धर्म पूछकर हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया, जिसने सीमापार आतंकवाद के मुद्दे को फिर से गरम कर दिया। इस हमले ने सीमा निगरानी और खुफिया तंत्र की कमियों को उजागर किया, जिसके जवाब में ISRO का यह प्लान सामने आया।
ISRO की हालिया तकनीकी उपलब्धि: SpaDeX मिशन
सीमा सुरक्षा के अलावा, नारायणन ने ISRO की ताजा उपलब्धि पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 21 अप्रैल 2025 को ISRO ने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (SpaDeX) मिशन के तहत दूसरी सफल डॉकिंग पूरी की। यह मिशन 30 दिसंबर 2024 को PSLV-C60 रॉकेट से लॉन्च हुआ था, जिसमें दो छोटे उपग्रहों (SDX-01 और SDX-02) को अंतरिक्ष में जोड़ा और अलग किया गया।
- महत्व: भारत अब अमेरिका, रूस, और चीन के साथ उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जो अंतरिक्ष में डॉकिंग कर सकते हैं।
- उपयोग: यह तकनीक भविष्य में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन, BAS) और चंद्र मिशनों के लिए महत्वपूर्ण होगी।
- अगला कदम: ISRO 2028 तक BAS के पहले चरण को तैयार करने और 2035 तक पूर्ण अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रहा है।
अन्य महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स
नारायणन ने कुछ अन्य ISRO प्रोजेक्ट्स का भी जिक्र किया:
G20 जलवायु उपग्रह: ISRO एक उपग्रह विकसित कर रहा है, जो G20 देशों के लिए जलवायु परिवर्तन का अध्ययन करेगा। इसमें 50% पेलोड भारत और बाकी G20 देशों द्वारा तैयार किया जाएगा।
- Gaganyaan मिशन: 2026 में पहला मानव रहित परीक्षण और 2028 तक मानवयुक्त मिशन की योजना।
- NISAR मिशन: NASA के साथ मिलकर फरवरी 2025 में लॉन्च होने वाला यह उपग्रह प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु निगरानी में मदद करेगा।
- AI-आधारित उपग्रह: 2024-2028 के बीच 50 AI-आधारित उपग्रह लॉन्च किए जाएंगे, जो सीमा पर सैन्य गतिविधियों और भू-खुफिया जानकारी (GEOINT) एकत्र करेंगे।