चंडीगढ़, 11 नवंबर, 2025: पंजाब के गतकेबाजों ने अपने उत्कृष्ट मार्शल आर्ट कौशल से गतका-सोटी के ज़बरदस्त प्रहार करते हुए प्रतिष्ठित दूसरे फेडरेशन गतका कप की समग्र चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया। विशेष रूप से पारंपरिक गतका कला के शानदार प्रदर्शन के साथ पंजाब की टीम ने बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी परिसर में आयोजित इस वार्षिक टूर्नामेंट में अपनी अमिट छाप छोड़ी। हरियाणा के तेज़-तर्रार गतका खिलाड़ियों ने ज़बरदस्त खेल का प्रदर्शन करते हुए इन प्रतियोगिताओं में समग्र उपविजेता के रूप में सराहनीय स्थान हासिल किया। पंजाब ओर हरियाणा के खिलाड़ियों में गतका-सोटी (व्यक्तिगत) का फाइनल मैच इतना रोमांचक था कि अतिरिक्त समय दौरान भी मैच बराबरी पर रहने की वजह से इसका फैसला ‘सड़न डैथ’ नियम से करना पड़ा।
यह दो दिवसीय प्रतियोगिता यहाँ हुई राष्ट्रीय सांस्कृतिक पायथियन खेलों के साथ ही आयोजित की गई। गतकाईयों ने हर मैच में अपने मुकाबलों के दौरान लगातार अंक अर्जित करने के लिए तगड़ा संघर्ष किया, टिकटिकी लगाए रखी और अपने प्रतिद्वंद्वियों पर कुशल तकनीकों से अपने प्रतिद्वंद्वियों पर आक्रमण करने का कोई अवसर नहीं गंवाया।
पंजाब के गतका खिलाड़ियों ने लड़कों के वर्ग में शीर्ष सम्मान हासिल करने के लिए पूर्ण प्रभुत्व दिखाया। उधर हरियाणा की लड़कियों ने गतका सोटी के शानदार कौशल दिखाते हुए विजयी होने के समान उत्साह के साथ पंजाब की लड़कियों को मात देकर अपने वर्ग में चैम्पियनशिप का खिताब जीता। शेष स्थानों के लिए भी कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। हरियाणा के लड़के और पंजाब की लड़कियां अपने-अपने वर्गों में उपविजेता रहीं।
उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के युवाओं ने तीसरा स्थान हासिल किया और कांस्य पदक साझा किए। इसी तरह चंडीगढ़ और आंध्र प्रदेश की लड़कियों ने भी संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल किया। चैंपियनशिप का उद्घाटन पाइथियन काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बिजेंद्र गोयल ने किया। सेमीफाइनल मैचों की मेजबानी बी.एच. अनिल कुमार, आईएएस, ने की। अंतिम दिन फ़ाइनल मुकाबलों का उद्घाटन नेशनल गतका एसोसिएशन आफ़ इंडिया के अध्यक्ष एवं पूर्व अतिरिक्त निदेशक एडवोकेट हरजीत सिंह ग्रेवाल ने किया।
इन प्रतियोगिताओं के अवसर पर इंटरनेशनल सिख शस्त्र विद्या काउंसिल के उपाध्यक्ष सुखचैन सिंह कलसानी, जसप्रीत सिंह सैनी, आर्थी दीवान, श्रीजीत सुरेंद्र और कोच वेणुगोपाल वेलोली (बेंगलुरु) सहित गतका तकनीकी कोच जगदीश सिंह, हरनाम सिंह, हरसिमरन सिंह, अमृतपाल सिंह, जशनप्रीत सिंह, शैरी सिंह, नरिंदरपाल सिंह और अमन सिंह छत्तीसगढ़ भी उपस्थित थे।









