बेंगलुरु, 19 जनवरी (कड़वा सत्य) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत में 15 प्रतिशत पायलट महिलाएं हैं, जो वैश्विक औसत से तीन गुना अधिक है और इससे एयरोस्पेस क्षेत्र में महिलाओं के लिए नये अवसर पैदा करने की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का पता चलता है।
श्री मोदी ने यहां नये बोइंग इंडिया इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सेंटर परिसर के उद्घाटन के अवसर पर कहा, “चाहे लड़ाकू पायलट हों या नागरिक उड्डयन, भारत महिला पायलटों की संख्या के मामले में दुनिया में अग्रणी है… भारत में 15 प्रतिशत पायलट महिलाएं हैं, जो वैश्विक औसत से तीन गुना अधिक है।”
कुल 1,600 करोड़ रुपये के निवेश से निर्मित 43 एकड़ का यह परिसर अमेरिका के बाहर बोइंग का सबसे बड़ा निवेश है।
प्रधानमंत्री ने बोइंग सुकन्या कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य देश भर से अधिक से अधिक लड़कियों का देश के बढ़ते विमानन क्षेत्र में प्रवेश का समर्थन करना है।
उन्होंने बोइंग सुकन्या कार्यक्रम के बारे में कहा कि यह विमानन क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देगा, साथ ही दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले गरीबों के पायलट बनने के सपने को साकार करने में उनकी मदद करेगा। कार्यक्रम के तहत पायलट के रूप में करियर बनाने के लिए सरकारी स्कूलों में करियर कोचिंग और विकास सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
श्री मोदी ने कहा कि चंद्रयान की ऐतिहासिक सफलता ने भारत के युवाओं में वैज्ञानिक सोच का संचार किया है।एसटीईएम शिक्षा के केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि लड़कियों ने एसटीईएम विषयों को बड़े पैमाने पर अपनाया है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन घरेलू बाजार बन गया है। एक दशक में घरेलू यात्रियों की संख्या दोगुनी हो गयी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उड़ान जैसी योजनाओं ने इसमें बड़ी भूमिका निभायी है। यह संख्या और बढ़ने वाली है जिससे मांग बढ़ेगी। इसके परिणामस्वरूप भारत की एयरलाइनों को बेड़े के नये ऑर्डर मिले हैं, जिससे वैश्विक विमानन क्षेत्र को नयी गति मिली है। उन्होंने कहा, “ऐसा इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि भारत अपने नागरिकों की आकांक्षाओं और जरूरतों को सर्वोपरि रखते हुए काम कर रहा है।”
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